Tuesday 7 March 2017

राजस्थान की प्रमुख हस्तियाँ (दूसरा भाग)


इस श्रृंखला के प्रथम भाग में हमने राजस्थान के कुछ फिल्म निर्माताओं के बारे में जाना जिन्होंने पूरे विश्व में राजस्थान का नाम रोशन किया. इस श्रृंखला के द्वितीय चरण में हम कुछ ऐसे संगीतकारों की बात करेंगे जिन्होंने हिंदी फिल्म जगत में राजस्थान का नाम प्रज्वलित किया है .

राजस्थान के प्रमुख फिल्म संगीतकार

राजस्थान का संगीत सम्पूर्ण विश्व में पसंद किया जाता है और राजस्थान को उसके संगीत के लिए भी जाना जाता है. राजस्थान के कलाकार समस्त विश्व में जाते है और अपनी कला का प्रदर्शन करते है, उसी प्रकार राजस्थान के संगीतकारों ने हिंदी फिल्म जगत में भी यादगार काम किया है. राजस्थान ने भारतीय फिल्मों के संगीत को उनके सबसे प्रतिभावान संगीतकारों में से कुछ दिए है, आज इस आर्टिकल में हम उन संगीतकारों के बारे में चर्चा करेंगे.      

गुलाम मोहम्मद  

गुलाम मोहम्मद का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के एक संगीतकारों के परिवार में हुआ. इनके पिता श्री नबी बक्श जी एक प्रसिद्ध तबला वादक थे. 1924 में ये मुंबई आ गए और यहाँ आके संघर्ष किया. 1932 में आठ सालों के संघर्ष के पश्चात उनको (गुलाम मोहम्मद ) को सरोज मूवी टोन की एक फिल्म में तबला वादक का काम मिला.     
इनकी संगीत की इस यात्रा का प्रारम्भ मशहूर संगीतकार नौशाद के सहायक के रूप में हुआ, इन्होने अनिल बिस्वास के साथ भी कार्य किया. इनको इनके द्वारा संगीतबद्ध एक फिल्म मिर्जा ग़ालिब के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. इन्होने मशहूर फिल्म पाकीजा में अपना संगीत दिया. पाकीजा फिल्म के संगीत को भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ट  संगीतो में से एक माना जाता है. इन्होने ना केवल हिंदी फिल्मो बल्कि कुछ क्षेत्रीय फिल्मों में अपना संगीत दिया.
इनकी मृत्यु 17 मार्च 1968 को हुई, इनकी मृत्यु पाकीजा के रिलीज़ से पहले ही हो गयी थी. इनके द्वारा की गयी प्रमुख फिल्मो में बांके सिपाही, मेरे ख्वाब, गृहस्थी, गुजारा, मिर्जा ग़ालिब और पाकीजा प्रमुख हैं .            

खेमचंद प्रकाश

राजस्थान के ही एक और संगीत कार हुए खेमचंद प्रकाश. इनका जन्म सुजानगढ़, चुरू जिले में 12 दिसम्बर 1907 को  हुआ. इन्होने भारतीय हिंदी फिल्मो के आरंभिक दिनों में ही संगीत देना प्रारंभ कर दिया था. लता मंगेशकर के साथ इनकी जोड़ी बहुत हिट रही. अपनी किशोर अवस्था में इन्होने बीकानेर के राज घराने में गायक के तौर पर कार्य किया इसके पश्चात वो नेपाल चले गए जहाँ उन्होंने नेपाली राज घराने में नौकरी की तत्पश्चात वो कलकत्ता आ गए जहाँ उन्होंने संगीतकार तिमिर बरन के सहायक के रूप में देवदास नमक फिल्म में कार्य किया.    
  
हिंदी फिल्मो में इन्होने अपनी यात्रा ‘दीवाली’,’होली’,’परदेशी’,’फरियाद’ नामक फिल्मों के साथ की. इन्होने ने प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार को सन 1948 में प्रथम बार जिद्दी फिल्म से परिचित करवाया. इनके द्वारा दिए गए संगीत में तानसेन सबसे बड़ी हिट फिल्म थी. लता मंगेशकर भी इन्ही द्वारा स्वरबद्ध गीत आएगा आने वाला से प्रसिद्ध हुई.
इनकी मृत्यु मात्र बयालीस वर्ष की अल्पायु में ही हो गयी थी. ये अपनी फिल्म महल के रिलीज़ से 2 महीने पहले गुजर गए थे |       

तोशी साबरी

यदि हम आज के ज़माने के संगीतकारों की बात करें तो भी राजस्थान बहुत पीछे नहीं है. राजस्थान के जयपुर के तोशी साबरी आज राजस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं. तोशी ने बहुत से फिल्मों में अपना संगीत दिया है. तोशी साबरी एक संगीत के रियेलिटी शो अमूल स्टार वौइस् ऑफ़ इंडिया के द्वारा खोजे गए और इन्होने अन्य रियेलिटी शो जैसे उस्तादों के उस्ताद और जो जीता वो सुपर स्टार में भी भाग लिया. तोशी ने बहुत सी फिल्मो में संगीत दिया है जैसे राज, जेल, प्यार का पंचनामा 2, हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां, घोस्ट और 1920 आदि.            

यह आर्टिकल राजस्थान की प्रमुख हस्तियों नामक श्रृंखला का एक भाग है श्रृंखला अभी जारी रहेगी, कृपया कर इस आर्टिकल को शेयर करें और अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में देवें  

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