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Monday, 27 March 2017

प्रीती झांगियानी 28 मार्च को बीकानेर में



प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रीती झंगियानी कल बीकानेर आ रही हैं. प्रीती बीकानेर में अपनी राजस्थानी फिल्म तावड़ो के प्रमोशन के लिए बीकानेर आ रहीं हैं.  प्रीती झंगियानी ने सभी प्रमुख बॉलीवुड अभिनेताओं के साथ काम किया है. उनके द्वारा की गई फिल्मों में प्रमुख फिल्म मोहब्बते हैं. बीकानेर में तावड़ो को लेकर गजब के उत्साह का वातावरण बना हुआ है. इस उत्साह को देखते हुए प्रीती ने खुद बीकानेर आने का निर्णय लिया. बीकानेर में प्रीती  बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज में सुबह 10 बजे एक सेमिनार में भी शिरकत करेंगी जिसमे आर्ट कल्चर और ड्रामा सम्बंधित चर्चा होगी. वो इसीबी के छात्र छात्राओं को संबोधित भी करेंगी.  
इवेंट ज्वाइन करने के लिए यहाँ क्लिक करे - EVENT TAAWDO

गौर तलब है की तावड़ो एक राजस्थानी फिल्म है जिसमे प्रमुख भूमिका प्रीती झंगियानी निभा रहीं हैं. तावड़ो फिल्म के बारे में यह भी कहा जा रहा है की वो राजस्थानी सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी हिट फिल्म भी साबित हो सकती हैं.
तावड़ो फिल्म में प्रीती के अलावा भी कई बॉलीवुड के कलाकार हैं जिनमे प्रदीप काबरा, सचिन चौधरी, और ओमकार दास प्रमुख हैं. फिल्म का संगीत मशहूर फिल्म संगीत निर्देशक ललित पंडित ने दिया है और इस फिल्म के गाने भी प्रसिद्ध गायक शान और दिव्या कुमार के द्वारा गायें गए हैं.              

Monday, 13 March 2017

वो 5 कारण जिसके लिए "तावड़ो" फिल्म आप को जरुर देखनी चाहिए



जब से राजस्थानी फिल्म तावड़ो बननी शुरू हुई है तभी से राजस्थानी सिनेमा जगत में गजब का उत्साह है. लोग इस तावड़ो फिल्म को लेकर अति उत्साहित है क्योंकि एक अनुमान के अनुसार यह राजस्थानी भाषा की सबसे बड़ी हिट फिल्म भी हो सकती है. यह फिल्म 31 मार्च 2017 को रिलीज़ होगी. इस फिल्म के निर्माता तेजकरण हर्ष हैं और तावड़ो के निर्देशक विजय सुथार है. यहाँ हम उन पांच कारणों की बात करेंगे जिनके कारण सभी राजस्थानियों को यह फिल्म देखनी चाहिए.   

1.क्योकि यह एक राजस्थानी फिल्म है : एक राजस्थानी होने के नाते हमारा कर्तव्य है की हम अपनी संस्कृति को बढ़ावा देंवे और उसका पोषण करें. फिल्म एक सशक्त माध्यम है अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करने का. इसके अतिरिक्त ये फिल्म राजस्थानी भाषा में बनी है. राजस्थानी भाषा आज बहुत सी चुनौतियों से गुजर रही है यहाँ तक की लोग अपने घर में भी बच्चो से राजस्थानी में बात करना पसंद नहीं करते. बल्कि एक तथ्य ये भी है की राजस्थानी भाषा किसी भी दृष्टिकोण से किसी भी अन्य भाषा से कम नहीं है. यदि हम इस फिल्म तावड़ो को देखते है और इसे सफल बनाते है तो और भी लोग आगे आयेंगे और ऐसे अन्य नवाचार भाषा के पोषण के लिए करेंगे और इस फिल्म की सफलता राजस्थानी भाषा के विकास के लिए एक छोटा सा कदम होगा जिसे आप और हम मिलकर बढ़ाएंगे.
2.तावड़ो द्वारा तीन अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड का जीतना: तावड़ो फिल्म ने राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (रिफ) में तीन अवार्ड भी जीतें है. इस महोत्सव में पूरे विश्व से फिल्मे दिखाई जाती है, इस बार भी इस फिल्म महोत्सव में फ्रेंच, इटालियन इत्यादि फिल्मे आई परन्तु बाजी मारी तावड़ो ने. तावड़ो ने इस महोत्सव (रिफ) में 3 अवार्ड जीते जिनमे सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड और सर्वश्रेष्ठ संगीत का अवार्ड भी शामिल है और इस फिल्म ने बेस्ट फिल्म का अव्वार्ड भी जीता है. तावड़ो का  अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड जीतना सम्पूर्ण राजस्थान के लिए एक अत्यंत गर्व की बात है और आपको इस फिल्म को जरुर देखना चाहिए.
      
                                               
                  
3.प्रीती झिंगयानी की दमदार भूमिका: प्रीती झिंगयानी को आज किसी परिचय की आवश्यकता नहीं हैं. प्रीती बड़े बड़े बैनर जैसे यशराज फिल्म्स के साथ काम कर चुकी है और शाहरुख़ खान जैसे बड़े सुपर स्टार के साथ काम कर चुकी है. प्रीती मोहब्बतें फिल्म में जिमी शेरगिल के सामने थी इसी फिल्म में शाहरुख़ खान की प्रमुख भूमिका थी. एक इंटरव्यू में जब प्रीती झिंगयानी से पूछा गया की आपने राजस्थानी फिल्म क्यों की तो उन्होंने बताया की तावड़ो फिल्म की कहानी ने उनके दिल को छु लिया और वो झट से इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गयी. प्रीती झिंगयानी जैसे बड़ी हस्ती का राजस्थानी फिल्म के साथ जुड़ना यह बताता है की राजस्थान की फ़िल्में किसी से कम नहीं है और जरुरत है तो सिर्फ उत्साह बढाने की. यदि यह फिल्म सफल होती है तो हम देखेंगे की आने वाले समय में और भी बड़े बॉलीवुड सितारे राजस्थानी फिल्म में काम करने लिए आतुर होंगे. इस फिल्म के लिए प्रीती झिंगयानी ने RIFF अवार्ड भी जीता है |

4.फिल्म का संगीत:
इस फिल्म का संगीत जाने माने संगीत क़र ललित पंडित के द्वारा दिया गया है. ये वो ही ललित पंडित है जो पहले जतिन ललित की जोड़ी में साथ संगीत दिया करते थे. जतिन-ललित की जोड़ी ने भारतीय सिनेमा को बहुत सी यादगार संगीतमयी फ़िल्में दी है. जतिन ललित की जोड़ी ने ‘दिल वाले दुल्हनियां ले जायेंगे, मोहोब्बतें, कुछ कुछ होता है, जो जीता वो सिकंदर जैसे ना जाने कितनी फिल्मों में अपना संगीत दिया है. तावड़ो में उनका जुड़ना एक अच्छे संगीत की गारंटी तो दे ही देता है. तावड़ो फिल्म के लिए ललित पंडित को RIFF अवार्ड भी मिला है | ललित पंडित से जब तावड़ो फिल्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया की वो इस फिल्म की कहानी से बहुत प्रभावित हुए और इस फिल्म की कहानी बहुत ही संवेदनशील है और इस कारण उन्होंने अपने पहली राजस्थानी फिल्म में संगीत दिया है | यदि आप ललित पंडित के फेन है तो आपको ये फिल्म अवश्य देखनी चाहिए |
इस फिल्म में ललित पंडित ने गाने प्रसिद्ध गायक शान और दिव्या कुमार से गवाएं है जिन्होंने बहुत से हिट गाने गायें है. शान ने लगभग सभी बड़े हिंदी सिनेमा के अभिनेताओं के लिए अपनी आवाज दी है, चाहे वो शाहरुख खान हो, सलमान खान हो, आमिर खान हो चाहे हृतिक रोशन हो या कोई अन्य बॉलीवुड स्टार हो | शान द्वारा गाये गए गानों में ‘चाँद सिफ्रारिश, ‘बहती हवा सा था वो’, ‘आज उनसे मिलना है हमें’, ‘तनहा दिल’, ‘हे शोना’, ‘जब से तेरे नैना इत्यादि है. दिव्या कुमार भी एक प्रसिद्ध गायक है जिन्होंने अपनी आवाज कई बॉलीवुड फिल्मों में दी है उनके द्वारा गाये गए गाणों में प्रमुख गाने है ‘आफतों के परिंदे’, ‘हवन करेंगे’, ‘शुभारम्भ’ आदि. शान इस समय वौइस् इंडिया नामक शो में जज की भूमिका भी निभा रहे हैं.  

5.बड़े बजट की फिल्म: तावड़ो फिल्म राजस्थानी भाषा की फिल्मों में बनने वाली फिल्मो में सबसे अधिक बजट की फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में ना केवल स्थानीय कलाकारों ने काम किया है बल्कि कई बड़े बॉलीवुड के कलाकारों ने भी काम किया है. आपको यह फिल्म देखनी चाहिए और इसका प्रचार करना चाहिए क्योंकि इससे और भी बड़े बजट की फिल्मे राजस्थान में बनेंगी और राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री भी अन्य राज्यों की फिल्म इंडस्ट्री जैसे दक्षिण भारत की फिल्म इंडस्ट्री, या भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की तरह स्थापित हो सकेगी.   

बॉलीवुड के साथ कनेक्शन: तावड़ो फिल्म में बहुत से कलाकार बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से है. जिनमे से मशहूर कलाकार प्रदीप काबरा भी हैं, काबरा को आपने कई फिल्मो में खलनायक की भूमिका में देखा होगा, प्रदीप काबरा इससे पहले सुपरस्टार सलमान खान, ह्रितिक रोशन और शाहिद कपूर के साथ काम कर चुके हैं |डांस इंडिया डांस में अपना जलवा दिखा चुके बाल कलाकार सचिन चौधरी भी इस फिल्म में एक प्रमुख भूमिका में हैं. आपको पिपली लाइव फिल्म के नत्था (ओमकार) तो याद होंगे ही, वो भी इस फिल्म में अपनी दमदार भूमिका में हैं. पिपली लाइव के नत्था के रोल को आमिर खान खुद करना चाहते थे किन्तु उन्होंने इस रोल के लिए ओमकार को चुना. सूत्रों के अनुसार तावड़ो में ओमकार का रोल देखकर लोग पेट पकड़ कर हंसने को मजबूर हो जायेंगे |  आप कल्पना कर सकते है की इतने बड़े बड़े बॉलीवुड कलाकार यदि राजस्थानी फिल्म में होंगे तो फिल्म कितनी मनोरंजक होगी. यदि आप इन कलाकारों के फेन है तो आपको यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए.   


ये कुछ कारण थे जिनके कारण आपको तावड़ो फिल्म देखनी चाहिए. आशा करते है की यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी. इस पोस्ट को आगे शेयर करें और आपके यदि कोई सुझाव हैं तो कमेंट बॉक्स में अवश्य देंवे |

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Monday, 6 March 2017

भारतीय सिनेमा(बॉलीवुड) में राजस्थान का योगदान


राजस्थान का यह सौभाग्य रहा है कि यहाँ बहुत से प्रतिभावान लोगों ने जन्म लिया जिन्होंने भारतीय सिनेमा में कार्य किया, चाहे वो तकनीकी कार्य हो, गायक हो, संगीत निर्देशक हो, या अभिनेता हो. राजस्थान का योगदान बॉलीवुड के शुरुआती दिनों से ही रहा, ना केवल आर्थिक रूप से बल्कि कला के क्षेत्र में भी राजस्थान के लोगों ने अपना योगदान दिए.  इस आर्टिकल में हम ऐसे  कुछ व्यक्तियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दिया.      

फिल्म निर्माता


राजस्थान की धरती ने भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे ज्यादा सम्मानित निर्माताओं में से कुछ को जन्म दिया है, जैसे ताराचंद बडजात्या, केसी बोकाडिया, सूरज बडजात्या इत्यादि. प्रसिद्ध राजश्री प्रोडक्शन कि स्थापना ताराचंद बडजात्या ने की. राजश्री प्रोडक्शन ने बहुत बड़ी फ़िल्में दी है जैसे ‘हम आपके हैं कौन’ , ‘दोस्ती’, ‘विवाह’, ‘एक विवाह ऐसा भी’ और ‘प्रेम रतन धन पायो’ इत्यादि. केसी बोकाड़िया ने भी बहुत सी फिल्मों का निर्माण किया है.    

फिल्म संगीत

अब बात करते है कुछ ऐसी राजस्थानी शख्सियतों की जिन्होंने भारतीय हिंदी फिल्मों में संगीत के रूप में अपनी सेवायें दी चाहे वो संगीत निर्देशक के रूप में हो, गायक के रूप में हो या गीतकार के रूप में हो हम उनमे से कुछ की आज बात करेंगे  




संगीत निर्देशन

राजस्थान ने बॉलीवुड के कुछ सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशकों में से कुछ को दिया है उनमे से कुछ के बारे में आज कुछ जानते है
गुलाम मोहम्मद : गुलाम मोहम्मद का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले में संगीतकार परिवार में हुआ, वे बाद में मुंबई चले गए जहाँ उन्होंने कुछ साल संघर्ष किया उसके बाद उन्हें एक फिल्म में तबला वादक के रूप में काम मिला उसके बाद उन्होंने कभी मुड़ के नहीं देखा. गुलाम मोहम्मद ने प्रसिद्ध संगीत निर्देशक नौशाद के सहायक के रूप में कार्य किया. गुलाम मोहम्मद को उनकी फिल्म ‘मिर्जा ग़ालिब’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. भारतीय फ़िल्मी संगीत में उनकी फिल्म ‘पाकीजा’ एक मील का पत्थर साबित हुई. इनकी मृत्यु सन 1968 में हुई.





खेमचंद प्रकाश : खेमचंद प्रकाश राजस्थान के सुजानगढ़ के थे. खेमचंद प्रकाश बॉलीवुड के सर्वप्रथम संगीतकारों में एक थे. इन्होने ही प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार को बॉलीवुड में पहला गाना गवाया था. इनकी एक फिल्म महल के एक गाने ‘आएगा आने वाला’ के लिए लता मंगेशकर को पहचान दिलवाई थी. इन्होने नौशाद जैसे बड़े संगीत निर्देशक को बॉलीवुड में पहचान दिलवाई थी. इनकी मृत्यु सन 1950 में केवल 42 वर्ष की आयु में ही हो गई.   





तोशी साबरी :  आज के आधुनिक दौर में भी राजस्थान संगीत निर्देशन में पीछे नहीं है, राजस्थान के जयपुर में पैदा होने वाले तोशी साबरी आज राजस्थान का नाम रोशन कर रहे है. ये एक रियेलिटी शो में अमूल स्टार वौइस् ऑफ़ इंडिया में सर्वप्रथम दिखाई दिए, उसके पश्चात इन्होने कभी  वापस मुड़ के नहीं देखा. इन्होने 2 अन्य रियेलिटी शो उस्तादों के उस्ताद और जो जीता वो सुपर स्टार  में भी भाग लिया. इन्होने ‘राज’, ‘जेल’, ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां’  जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया है.



गायक

राजस्थान में ऐसे कई गायक पैदा हुए जिन्होंने ना केवल फिल्मों में अपितु फिल्मों के अलावा भी अपना नाम किया आइये जानते है ऐसे ही कुछ गायकों को जिन्होंने राजस्थान के नाम का परचा समूचे विश्व में फहराया है.
जगजीत सिंह:  जगजीत सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं है, वे एक प्रसिद्ध गज़ल गायक थे. जिनको भारत सरकार ने पदम् भूषण से नवाजा था. इन्होने बहुत सी गजलों को स्वरबद्ध किया और इनके द्वारा गाई गई गजलें समूचे विश्व में सुनी जाती है. इनका जन्म राजस्थान के श्री गंगानगर में एक सिख परिवार में हुआ था. इन्होने अपनी पत्नी चित्रा के साथ बहुत सी गजले गाई है. बहुत सी फिल्मों में भी इन्होने गाया है. इनके द्वारा गाये गए गानों में कागज़ की कश्ती, होशवालों को खबर क्या, चिट्ठी न कोई सन्देश, तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, तुमको देखा तो ये ख्याल आया इत्यादि प्रमुख है .             
मेहदी हसन: मेहदी हसन का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के लूना गाँव में एक संगीतकारों के परिवार में सन 1927 में  हुआ, आजादी के बाद ये पाकिस्तान चले गए. ये विश्व के एक जाने माने गज़ल गायक थे. इनके बारे में लता मंगेशकर ने एक बार कहा था की इनके कंठ में खुद भगवान बैठा है.  इनकी द्वारा गाई गई कई ग़ज़लें लोकप्रिय है जैसे रफ्ता रफ्ता, रंजिशे सही दिल दुखाने के लिए, जिंदगी में तो सभी इत्यादि प्रमुख है.     

इला अरुण : इला अरुण का जन्म राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुआ, इला अपनी भारी आवाज के लिए जानी जाती है, इन्होने बहुत से गाने गाये है बॉलीवुड में. इनके द्वारा गाता गया खलनायक फिल्म का गाना चोली के पीछे क्या है सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. इसके अतिरिक्त इनके द्वारा  लम्हे फिल्म में लता मंगेशकर के साथ गया हुआ गाना मोरनी भी बहुत लोकप्रिय है. इला अरुण ने न केवल हिंदी बल्कि ऐ आर रहमान के निर्देशन में कुछ तमिल गाने भी गायें है       


राजा हसन: राजा हसन का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिलें में हुआ, राजा जी सा रे गा मा पा के 2007 संस्करण के उपविजेता रहे थे . राजा ने फिल्मो में कई गाने गाये है. राजा हसन की प्रतिभा विशाल और शेखर ने पहचानी और गाने का पहला मौका दिया. विशाल शेखर ने राजा से दे ताली फिल्म का गाना म्हारी तितरी गवाया. उसके पश्चात राजा ने बहुत से गाने गाये. राजा हसन ने मरुधर म्हारो घर नाम से एक राजस्थानी फिल्म का भी निर्माण किया.      



संदीप आचार्य :






संदीप आचार्य भी बीकानेर में पैदा हुए, संदीप ने भारत का एक मशहूर रियलिटी शो इंडियन आइडल का दूसरा संस्करण  जीता. संदीप ने हिंदी और मारवाड़ी फिल्मों के लिए कई गाने गाये है. 15 दिसम्बर 2013 को उनकी मृत्यु पीलिया रोग के कारण हो गयी   


ये वो कुछ लोग है जिन्होंने फिल्मो में राजस्थान का नाम रोशन किया इनके अलावा भी बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने हिंदी सिनेमा में राजस्थान का नाम रोशन किया है . उनके बारे में बात फिर कभी, तब तक के लिए शेयर करें और अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में देवे

Sunday, 5 March 2017

Rajasthan’s Contribution to Indian Cinema (Bollywood)


Rajasthan’s Contribution to Indian Cinema (Bollywood)

Rajasthan is blessed to have many talented people who worked for Indian cinema, whether they are technicians, singers, composers or actors. Rajasthan has produced many of these. Rajasthan’s contribution starts from very initial days of Indian Cinema. Rajasthan’s people also contributed financially and artistically. We will discuss few of the individuals who worked for Indian Cinema (Bollywood).

Film Producers


Rajasthan has given some of the most reputed film producers in the history of the Indian Cinema like
Tarachand Badjatya, KC Bokadia and Sooraj Badjatya are names of the few. The great Rajshri Productions was established by none other then Tarachand Badjatya.  Films like ‘Hum Aapke Hai Kaun’, ‘Hum Sath Sath Hai’, ‘Dosti’, ‘Vivah’, ‘Ek Vivah Aisa Bhi’, ‘ Prem Ratan Dhan Payo’ etc. are produced by Rajasthani Producers.

C


Rajasthan has given many musical gems who have contributed to film music, whether as a music composer, singer or as a musician.  We will talk about some of them.

Music Composers

Rajasthan has produced some of the best music directors of the Indian cinema some of them are as follows.


Ghulam Mohammad
Ghulam Mohammad:
Ghulam Mohammed had given some of the most remembered music in the films. He has composed music for movies like ‘Pakizah.',’Mirza Ghalib’ etc. Ghulam Mohammad got national film award for his film ‘Mirza Ghalib’. He was from Bikaner, Rajasthan.











Khemchand Prakash:
Khemchand Prakash was from Sujangarh, Rajasthan. He was the one who introduced Kishor Kumar to the film industry. Khemchand Prakash has given music for ‘Mahal’ for which Lata Mangeshkar got recognition. He died at the very young age of 42.

Toshi Sabri:  Toshi Sabri is a young budding music composer from Rajasthan. He was discovered by a reality show Amul Star Voice of India. He also participated in Ustaado ke Ustaad and Jo jeeta wo Superstar. He has given music for Raaj, Jail, Humpty Sharma Ki Dulhaniya, etc.





Singers

Rajasthan has given a lot of legend singers to Indian Film Industry, Kawwali, Classical and Ghazal singing. Some of the Noted singers are as follows.


Jagjit Singh:
Jagjit Singh was a famous Ghazal singer. He was born in Sri Ganganagar (then Bikaner State) in a Punjabi Sikh Family. He composed numerous Ghazals and was appreciated all over the world for his singing style.   He sang wo Kagaz ki kasti, Hosh walo ko Khabar Kya, Chitthi Na Koi Sandesh, Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho, etc. He got Padma Bhushan from Government of India.

Mehdi Hassan:
Mehdi Hassan was born in Luna village of Jhunjhunu district in a family of musicians in 1927. He went to Pakistan at the time of partition. He was famous for his singing style in all over the world.




Ila Arun: Ila Arun was born in Jaipur, she is known for her masculine voice. She is also an actor. Ila has sung many songs in Bollywood. Most famous of them is ‘Choli Ke Piche Kya Hai’ in movie Khalnayak. She also sang ‘Morni’ along with Lata Mangeshkar in film Lamhe. She has also sung a Tamil song under the composer A R Rahman.

Raja Hasan:
Raja Hasan was runner-up in Zee Sa Re Ga Ma Pa in 2007. He was born in Bikaner, Rajasthan in the year 1979. He has sung many songs in Bollywood. He got first his break by acknowledged music director duo Vishal-Shekhar for song Mhari Titri. He also produced a Rajasthani film ‘Marudhar Mharo Ghar.




Sandeep Acharya:








 Sandeep also belonged to Bikaner. He was the winner of the 2nd season of Indian Idol. He has sung some songs in Bollywood and Rajasthani Cinema. He died on 15 December 2013 due to jaundice.

Still more People.


Hence we see Rajasthani people have given many people in Bollywood Cinema. Rajasthan’s contribution in Bollywood is immense. There are a lot of other people from Rajasthan in Bollywood of which we will discuss in another article.